BIHAR DESK : रेलवे की आईआरसीटीसी वेबसाइट को हैक कर टिकट के कारोबार में लगे दलाल से आरपीएफ़ पटना की टीम ने कई राज उगलवाये हैं. सोमवार को आरपीएफ़ द्वारा दलाल को रिमांड पर लेने के बाद कड़ी पूछताछ की गई. इसमें कई अहम जानकारियां आरपीएफ़ को मिली हैं.
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पटना जंक्शन के आरपीएफ़ पोस्ट प्रभारी वीके सिंह ने बताया कि रविवार की देर रात पकड़े गए हैकर ने 18 अगस्त को रियल मैंगो सॉफ्टवेयर खरीदा था. कंपनी को उसने पेटीएम से भुगतान किया था. दो हजार में खरीदे गए सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही दलाल वेबसाइट को हैक करके टिकट बनाते हैं. आरपीएफ़ पटना की टीम ने पेटीएम से किये गए भुगतान का पता लगाने के लिए पेटीएम के नोएडा स्थित ऑफिस में ई मेल की है.
आरपीएफ़ इंस्पेक्टर ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर की मदद से वर्चुअल इंटरनेट ऑपरेटिंग के जरिए दलाल काम करते थे. इससे यह पता नहीं चलता है कि टिकट बनाने में किस मोबाइल का इस्तेमाल हुआ है. साथ ही इसके जरिए टिकट बनाने में ओटीपी और कैप्चा भी जरूरी नहीं होता.
वहीं, दलाल को एक महीने के लिए रियल मैंगो सॉफ्टवेयर के दो हजार रुपए 18 सितम्बर को देने थे. अब आरपीएफ़ इस सॉफ्टवेयर के बेचने वाले सरगना की तलाश में है. बता दें कि रविवार को महेंद्रू के टेकारी रोड से टिकट बेचने वाले मनीष को आरपीएफ़ ने पकड़ा था. अब पुलिस को शक है कि पटना में अभी कई दूसरे लोग भी इस सॉफ्टवेयर के जरिए टिकट बनाने का काम कर रहे हैं.
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