भारत और चीन के बीच गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. खबर आ रही है कि 29 और 30 की रात चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले स्थल पर फिर घुसने की कोशिश की, लेकिन पहले से तैयार भारतीय जवानों ने जवाबी कार्रवाई में उन्हें खदेड़ दिया. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान दोनों देश के सैनिकों के बीच झड़प की भी बात सामेन आ रही है.
सेना के पीआरओ कर्नल अमन आनंद ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने पैंगॉन्ग त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सैनिकों की गतिविधि को पहले से भांप लिया था और घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि सेना के जवानों ने भारतीय पोस्ट को मजबूत करने और जमीन पर तथ्यों को एकतरफा बदलने के लिए चीनी इरादों को विफल करने की कार्रवाई की.
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पीआरओ ने कहा कि भारतीय सेना बातचीत के माध्यम से शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भी समान रूप से दृढ़ है. मुद्दों को हल करने के लिए चुशुल में एक ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग चल रही है. सेना ने कहा कि पीएलए ने पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के दौरान सैन्य और राजनयिक गतिरोध के बाद बनी पिछली सहमति का उल्लंघन किया. यह ऐसे समय में हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में सीमा तनाव कम करने के लिए चीन के साथ वार्ता गतिरोध में फंसी हुई है.


भारत और चीन के बीच हालिया कूटनीतिक वार्ता के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ संघर्ष विराम और डी-एस्केलेशन प्रक्रिया पर अपने मतभेदों को पाटने पर सहमति नहीं बनी. भारत ने मुद्दों को तेजी से हल करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनएसए और तीन सेवा प्रमुखों के साथ लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ गतिरोध पर हाल ही में चर्चा की. चीन ने एलएसी में अपनी उपस्थिति दिखाई जिससे मेल खाने के लिए भारत भी वहां भारी तैनाती कर रहा है. दोनों देशों के बीच भी कई दौर की बातचीत हो चुकी है.
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