सीएम नीतीश कुमार का निश्चय एक बार फिर से धड़ाम हो गया.मोटर जैसे ही ऑन किया गया कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट की हककीत से पर्दा उठ गया और सुशासन की पोल खुल गई.हम बात कर रहे हैं ‘सात निश्चय’ योजना की,जिसे नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है. सीएम नीतीश का निश्चिय इसलिए भी कहा जाता है कि चूंकि वे इस योजना का जिक्र अपनी हर सभा में करते हैं.
इस बार मोतिहारी में सीएम नीतीश के निश्चय में छेद हुआ है. सीएम नीतीश पटना से ड्रीम प्रोजेक्ट नल जल योजना का पूरे बिहार के पंचायत-नगर पंचायत में ऑनलाइन उद्घाटन करने में लगे थे . उसी वक्त पूर्वी चंपारण जिला के मधुबन सवंगिया पंचायत के वार्ड 03 में सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट नल-जल योजना की हवा निकल गई.
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उधर सीएम ने उदघाटन किया इधर टावर पर लगा टंकी ही ध्वस्त हो गया .दोपहर में अचानक जलमीनार ही ध्वस्त होकर गिर गया. जलमीनार गिरने की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई .इसकी सूचना मिलते ही एसडीओ ,बीडीओ,डीपीआरओ सहित पदाधिकारी पहुंच जांच में जुट गए .
हालांकि पकडीदयाल एसडीओ ने कहा कि यह बदनाम करने की साजिश है.इस मामले में जांच कर ग्रामीणों पर केस दर्ज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया असमाजिक तत्वों के द्वारा किया गया कार्य दिख रहा है.
बता दें कि इसके पहले भी कई जिलों में टंकी के गिरने की खबर आ चुकी है.कुछ दिन पहले सीएम नीतीश के गृह जिले नालंदा में टंकी गिर गया था.उसका वीडियो भी वायरल हुआ था.तब सरकार की काफी फजीहत हुई थी.
विकास का झूठा प्रचार कर रहा जदयू के नेता- डॉ दास
जनक्रांति समाज पार्टी के अध्यक्ष डॉ राम रुदन दास ने कहा के जेडीयू नेता बड़े ही बेशर्मी से राज्य के मोहल्लों में विकास होने की बात करते हैं जो वास्तविकता से बिलकुल ही विपरीत है। प्रमाण के तौर पर जनपद गया के अंचल बेलागंज, पंचायत एरकी, वार्ड संख्या 8 के महादलित बस्ती गुरसहाय बिगहा टोला कमालपुर को देखा जा सकता है।
डॉ राम रूदन दास ने कहा कि जेडीयू के नेताओं को सत्ता के मलाई खाते-खाते उनके आंखों व पेट में चर्बी छा गया है जिसके कारण उसे दलित बस्तियों में विकास नहीं दिखाई दे रहा है उन चर्बीधारी नेता यह सफाई दे सकते हैं यह वीडियो फोटो राजनीति से प्रेरित है लेकिन यह राजनीति नहीं हकीकत है।गुरसहाय बिगहा पर केवल महादलित की परिवार के लोग रहते हैं। इस बस्ती में लगभग 90-100 मकान है। जिसमें लगभग 500-700 की आबादी है।
डॉ राम रूदन दास ने कहा कि जाति एवं सामंत साही भेदभाव के कारण आज तक इस महादलित बस्ती में बच्चों को पढ़ने के लिए प्राईमरी विद्यालय तक नहीं है नहीं नल जल, गलियों में नालियों का निर्माण, मुख्य मार्ग का निर्माण सहित सभी गलियों में खरंजा तथा किसी भी घरों में शौचालय का निर्माण करवाया गया है जिसके कारण बस्ती के लोगों का जीवन नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। जो कि मौलिक सुविधाएं उपलब्ध कराना एवं नारकीय जीवन से मुक्ति दिलाना जरूरी है