बर्ड फ्लू का यूपी में भले ही कोई मामला नहीं आया हो लेकिन इसके आहट से पोल्ट्री उद्योग सहमा हुआ है. थोक से लेकर फुटकर मंडी में कीमतों पर इसका असर दिखने लगा है. पहली जनवरी को थोक में मुर्गा 120 रुपये प्रति किलो बिका था, जो गिरकर 85 रुपये पहुंच गया है. मुर्गे की कम हुई मांग से बकरे के मीट और मछली की डिमांड में इजाफा हो गया है.
कोरोना से उबर रहा पोल्ट्री उद्योग पर बर्ड फ्लू की करारी मार पड़ती दिख रही है. पशुपालन विभाग से लेकर पोल्ट्री संचालक बर्ड फ्लू को लेकर सफाई दे रहे हैं. इसके बाद भी मांग में लगातार कमी दिख रही है. थोक कारोबारी अनूप सिंह ने बताया कि पहली जनवरी को मुर्गा की कीमत पिछले छह महीने के ऊंचाई पर था.
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पहली को थोक में मुर्गा 120 रुपये किलो बिका था, वहीं गुरुवार को 85 रुपये किलो बिका. थोक में गिरी कीमतों का असर फुटकर में भी दिखने लगा है. शास्त्री चौक, मेडिकल रोड, जेल बाईपास, मोहद्दीपुर में मुर्गे की दुकानों पर खास भीड़ नहीं दिखी. हालांकि कुछ मोहल्लों में मुर्गा 180 रुपये प्रति किलो भी बिका.
बिछिया में मुर्गा बेचने वाले चांद ने बताया कि आम दिनों में एक कुंतल मुर्गे का मीट बिक जाता था, गुरुवार को बमुश्किल 50 किलो ही मुर्गे का मीट बिका. बकरे के मीट विक्रेता गुड्डू का कहना है कि ठंड में वैसे भी मीट की मांग बढ़ जाती है. अभी मांग में ऐसा इजाफा नहीं है, जिसे असर के रूप में देखा जा सके.
Source – Live Hindustan
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