इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या रोडरेज में हुई थी. पटना पुलिस ने इस हाईप्रोफाइल मर्डर केस का खुलासा कर दिया है. पटना के एसएसपी उपेन्द्र शर्मा ने मामले के खुलासा का दावा करते हुए पूरी जांच प्रक्रिया का सिलसिलेवार विवरण दिया. पुलिस ने मुख्य आरोपी ऋतराज पुत्र मनोरंजन को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने ऋतुराज को मीडिया के सामने भी पेश किया. उसने कैमरों के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया. घटना में शामिल रहे तीन अन्य सहयोगी अब भी फरार हैं. पुलिस ने आरोपी के पास से हेलमेट, घटना के वक्त बाइक पर लगी नंबर प्लेट, घटना के वक्त पहनी हुई ब्लैक जैकेट, जूता, घड़ी, जूता और 13 नवम्बर के दिन के पटना के सभी प्रमुख अखबार बरामद किए हैं.
आरोपी ने पुलिस को बताया है कि नवम्बर 2020 में 29 तारीख के आसपास रोडरेज की घटना हुई थी. उस दिन एयरपोर्ट के रास्ते में एक मोड़ पर रूपेश की गाड़ी से इसका एक्सीडेंट होते-होते बचा था. एक्सीडेंट के बाद रूपेश और आरोपी के बीच में विवाद हुआ था. आरोपी का कहना है कि उस दिन रूपेश ने उसे पीट दिया था.


आरोपी के पास चोरी की बाइक थी इसलिए वह चुपचाप वहां से चला गया. लेकिन इसके बाद उसने रूपेश की गाड़ी के पीछे अपनी बाइक लगा ली. उसने एयरपोर्ट तक उसका पीछा किया और उनकी गाड़ी का नंबर याद कर लिया.
आरोपी ने बताया कि घटना के तीन-चार दिन बाद फिर उसने रूपेश की गाड़ी देखी. वह तुरंत गाड़ी के पीछे लग गया और उस स्थान तक गया जहां तक गाड़ी गई. उसके बाद कई दिनों तक ऋतुराज ने रूपेश की रेकी की.
रूपेश के डेली रूटीन के बारे में पूरी तरह जानकारी हासिल कर लेने के बाद ऋतुराज ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर उनकी हत्या की प्लानिंग की. उनकी हत्या करने से पहले भी चार बार ऋतुराज और उसके साथियों ने रूपेश की हत्या की कोशिश की थी. लेकिन किसी न किसी अड़चन की वजह से वे इसमें कामयाब नहीं हो सके. अंत में 12 जनवरी को उन्होंने रूपेश पर उनके अपार्टमेंट के सामने उस वक्त गोलियां बरसाईं जब वह एयरपोर्ट से लौटे थे.
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