दुनियाभर के कई देशों में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ बड़े स्तर पर टीकाकरण का अभियान चल रहा है. कई वैक्सीन्स को अप्रूवल मिलने के बाद लोगों ने महीनों बाद राहतभरी सांस ली, लेकिन फाइजर वैक्सीन पर सवाल उठने लगे हैं. दरअसल, नॉर्वे में अब तक वैक्सीन लगवाने वाले 23 लोगों की जान जा चुकी है.
इनमें से ज्यादातर लोग बुजुर्ग थे. नॉर्वे में न्यू ईयर से चार दिन पहले कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हुआ था और अब तक 33 हजार से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हो चुका है. नॉर्वे में जिन लोगों की मौत हुई है, उन्होंने वैक्सीन की पहली ही डोज ली थी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई. सरकार का कहना है कि जो लोग बीमार हैं और बुजुर्ग हैं, उनके लिए वैक्सीनेशन काफी रिस्क भरा हो सकता है.
- बर्ड फ्लू का केस मिलने के बाद चिकेन-अंडे की बिक्री पर रोक, अलर्ट पर प्रशासन
- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान : OTT प्लेटफॉर्म की स्क्रीनिंग जरूरी है, पोर्न तक दिखा दिया जाता है.
- केरल चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, राहुल के वायनाड में 4 नेताओं का इस्तीफा
- बिहार में बड़ी कार्रवाई, राज्य की सभी जेलों में एक साथ छापेमारी, मिले मोबाइल और भी चीज़े


मरने वाले 23 लोगों में से 13 लोगों की वैक्सीन से ही मरने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि अन्य की मौत के मामले में जांच चल रही है. नॉर्वेयिन मेडिसिन एजेंसी के अनुसार, 13 का अब तक परिणाम सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि सामान्य दुष्प्रभाव ने बीमार, बुजुर्ग लोगों में गंभीर रिएक्शन किया है.
नॉर्वेयिन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ का कहना है कि जो काफी बुजुर्ग हैं और लगता है कि उनकी जिंदगी का कुछ ही वक्त बचा है, तो ऐसे लोगों को वैक्सीन का लाभ शायद ही मिले या फिर अगर मिले भी तो काफी कम मिलने की संभावना है. वहीं, वैक्सीन से साइड इफेक्ट के 29 मामले सामने आ चुके हैं.
Leave a Reply