MOI DESK : दुनियाभर में कोरोना वायरस के कहर के बीच वैक्सीन की कवायद भी तेज है. अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के साथ साझेदारी में विकसित कोविड-19 टीके के परीक्षण में पाया गया कि उससे ऐसे एंटीबॉडीज बने, जिनसे चूहों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया जा सका. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार टीके ने सीरियाई सुनहरे चूहों में मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाया और उन्हें निमोनिया जैसे अनेक रोगों तथा मौत से बचाया जा सका.
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जॉनसन एंड जॉनसन तथा बर्थ इजराइल डीकोनेस मेडिकल सेंटर (बीआईडीएमसी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित टीके में सामान्य सर्दी जुखाम के वायरस ‘एडिनोवायरस सीरोटाइप 26 (एडी26) का इस्तेमाल किया गया है. बता ेदं कि इससे पहले कई वैक्सीन बंदरों में सफल साबित हो चुके हैं.
बीआईडीएमसी सेंटर फॉर वायरोलॉजी एंड वैक्सीन रिसर्च के निदेशक डैन बरूच ने कहा, हमने हाल ही में देखा कि एडी-26 आधारित सार्स-सीओवी-2 टीके ने बंदरों के अंदर मजबूत सुरक्षा प्रणाली विकसित की और अब इसका परीक्षण मनुष्यों पर किया जा रहा है. हालांकि बंदरों को सामान्य रूप से अधिक गंभीर बीमारियां नहीं होतीं और इसलिए यह अध्ययन करना जरूरी था कि क्या यह टीका चूहों को गंभीर निमोनिया और सार्स-सीओवी-2 से मौत से बचा सकता है.
बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने की रेस में तीन कंपनियां आगे चल रही हैं. तीन दवा निर्माता अपने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में हैं, जिनमें हजारों वॉलंटियर्स पर ट्रायल हो रहा है. पहली कंपनी एस्ट्राजेनेका जो किस इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ पार्टनर्शिप में वैक्सीन बना रही है, दूसरी मॉडर्ना है जो अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के साथ टीका डेवलप कर रही है और तीसरी फीजर अथवा बायोटेक अलायंस है.
Input – Live Hindustan
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