हरिद्वार से पहले भगवान श्रीराधाकृष्ण की लीला भूमि पर आरंभ हुए वृंदावन कुंभ का पहला शाही स्नान आज है. इससे पहले श्रीबांकेबिहारी की नगरी में संतों की शाही पेशवाई निकलेगी. इसका नेतृत्व ध्वज पताका पर विराजमान हनुमान जी करेंगे. सवारी में बैंडबाजों के साथ हाथी-घोड़े भी शामिल होंगे. इस शाही पेशवाई और स्नान के लिए प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली हैं. सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए हैं.
16 फरवरी से आरंभ हुए वृंदावन कुंभ का पहला शाही स्नान 27 फरवरी को होने जा रहा है. इस दौरान शाही घाट पर संत यमुना में डुबकी लगाएंगे. वृंदावन कुंभ के इस पहले शाही स्नान में साधु-संतों के अलावा हजारों क्षेत्रीय लोगों के साथ बड़ी संख्या में वृंदावन आने वाले कान्हा के भक्तों के भी यमुना स्नान करने की संभावना है.


इसके लिए प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. शुक्रवार को शाही सवारी से जुड़े मार्गों पर अस्थायी अतिक्रमण हटाए गए. खुली नालियों को ढकने का काम दिन भर चला. बिजली के तार व्यवस्थित किए गए. यहां तक कि मेला क्षेत्र में शाही स्नान मार्ग और शाही स्नान घाट पर भी व्यवस्थाएं की गईं.
कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक की शाही पेशवाई में सबसे आगे ध्वज पताका पर विराजमान हनुमान जी इसका नेतृत्व करेंगे. हनुमान जी के निशान की अगुवाई में शाही जुलूस सवारी के साथ चलेंगे. इसमें बैंडबाजे, खिलाड़ी, हाथी-घोड़ा, ऊंट, घोड़ा बग्गी पर विराजमान पांच पूर्व आचार्यों के चित्र, तीनों अनी अखाड़ों के श्रीमहंत, चतु:संप्रदाय के श्रीमहंत, जगदगुरु रामानंदाचार्य, वल्लभाचार्य, निम्बार्काचार्य व जगतगुरु मध्यगौडेश्वर, अखाड़े के नागा साधु संत, महंत, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, द्वाराचार्य, परिवाराचार्य, नागा अतीत और साधु-संत, सेवक शामिल होंगे.
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